Let’s Recreate History…Let’s Rejuvenate Ourselves.
इतिहास करे फिर पुकार। दिल्ली चलो मेरे यार।
ज़ुल्मी जब जब जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से,
चप्पा चप्पा गूंज उठेगा इंकलाब के नारों से।
न पूछो की मेरी मंजिल कहां है,अभी तो चलने का इरादा किया है!
ना हारुंगा हौसला उम्र भर यह मैने,किसी और से नहीं ,खुद से वादा किया है।
याचना नहीं अब रण होगा। रण बड़ा भीषण होगा!
यलगार हो